अक़्ल ने एक दिन ये दिल से कहा
भूले-भटके की रहनुमा हूँ मैं
भूले-भटके की रहनुमा हूँ मैं
दिल ने सुनकर कहा-ये सब सच है
पर मुझे भी तो देख क्या हूँ मैं
पर मुझे भी तो देख क्या हूँ मैं
राज़े-हस्ती को तू समझती है
और आँखों से देखता हूँ मैं
और आँखों से देखता हूँ मैं
From: a k h t a r <akhtar_khatri2001@yahoo.com>
To:
Sent: Sunday, February 26, 2012 12:23 PM
Subject: «*» RUKHSANA«*» ज़ोर-ए-क़यामत क्या कहिये
इश्क़ ने तोड़ी सर पे क़यामत
ज़ोर-ए-क़यामत क्या कहिये
सुनने वाला कोई नहीं है
रूदाद-ए-मुहब्बत क्या कहिये
दिल है किसी का राज़-ए-हक़ीकत
राज़-ए-हक़ीकत क्या कहिये
हैरत-ए-जलवा मोहर-ब-लब है
जलवा-ए-हैरत क्या कहिये
उस पे किसी की तीर-ए-सितम सी
मश्क़-ए-सियासत क्या कहियेWARM REGARDS,Akhtar khatri
*****help what we can with others in need...the world is ONE big family*****
ALL THE MAILS POSTED BY ME R NOT MY PROPERTY, ALL R TAKEN FROM NET, IF SOMETHING IS COPYRIGHTED PLZ INFORM ME, SO THAT I MAY NOT POST THE MATERIAL IN THE FUTURE
__._,_.___
VISIT RUKHSANA FM ONLINE RADIO
http://www.freewebs.com/rukhsanafm
Enjoy your stay at Rukhsana Group.
Moderators Rukhsana Group:
Aika Rani, Mumtaz Ali, Sitara Ansari, Lilly, Akhtar,
Contact us at: Aika_Rani@Yahoo.Com
Rukhsana-owner@yahoogroups.com
**********************************
.
__,_._,___
0 comments:
Post a Comment