मौत का तोहफा तूने इंसानों को दे दिया रिश्तो के बंधन को चंद सांसो में तौल दिया उनके दिल में प्यार देकर जज्बातों से जोर दिया मौत का तोहफा देकर उन रिश्तो को तोर दिया , उन रिश्तो को तोर दिया | क्यों कहूँ तुझे मै खुदा जो देकर कर वापस छीन लेता है टूटे रिश्तो के गम निगांहो से बहा देता है दिल में बसे प्यार को पल में उजार देता है ये तोहफा देकर सारे अरमानो को जला देता है , सारे अरमानो को जला देता है | तूने सच्चे खुदा की परिभाषा बदल दी माता-पिता के रिश्ते इंसानों को तोहफे में दिया तो क्यों फिर मौत का शाप भी उन्हें सौप दिया तो क्यों फिर उनकी मुस्कराहट को रोते निगाहों से छीन लिया तो क्यों फिर उनकी खुशियाँ जल्लाद की खिलखिलाहट से जोर दिया तो क्यों फिर ये तोहफा देकर सारे अरमानो को जला दिया , आखिर क्यों | तू तो एहसान फरामोश निकला खुदा कैसे मंजूर होगा हमें उनसे जुदाई जिन्होंने उंगली पकर हमें चलना सिखाया तेरा इबादत तेरा नाम पुकारना सिखाया तेरे अस्तित्व को हमारे दिल में बसाया वाह उन्हें हमसे छीन कर अपना खूब कर्तव्य दिखाया खूब कर्तव्य दिखाया खुदा | ये तोहफा देकर तूने उन दिलो को रुलाया है उन बच्चो से उनकी खुशिया छीन ली जिन रिश्तो की बुनियाद पर वो जीना सीखे तेरा इबादत तेरा नाम लेना सीखे सिर्फ मुस्कुराना गम को भुलाना सीखे हसते हुए जहां को हसना सीखे | तूने उनसे हसते अश्को की छाया छीन ली दिल में उमरे इश्क की हाया छीन ली रिश्तो के बिच फैले मोहब्बत की रंगत छीन ली ये तोहफा देकर खिलखिलाते चेहरे की खुबशुरती छीन ली | कैसे गुजारेंगे हम अपनी जिंदगी उनके वगैर जिनकी वजह से हम इस दुनिया में आये हमें चलना सिखाया गमो में भी हसना सिखाया तेरा इबादत तेरा नाम पुकारना सिखाया | हम नहीं जानते तेरे करिश्मे को हम नहीं जानते तेरे खुदाई को तूने मुस्कुराती आँखों को अश्को का शाप दिया है हमारे हसती जिंदगी को उजारने का खौफ दिया है मौत का तोहफा देकर एक वीरान जमाना सौप दिया है , आखिर क्यों किया तूने ऐसा आखिर क्यों ऐ खुदा आखिर क्यों |
दोस्तों मै खुदा से तो ये सब नहीं पूछ सकता पर आप ही बताये आखिर क्यों करता है वो ऐसा , आखिर क्यों | WARM REGARDS, Akhtar khatri
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